
'कहिए कहां से आना हुआ... चेहरा तो है पहचाना हुआ, अरे वाह रामजी छोरी क्या बनाई... कही रसगुल्ला और कहीं मलाई...'

'पार्वतों से आज मैं टकरा गया... ये पकड ले आया, मैं आ गया. हम क्राइम के तंम्बू में, यूं बम्बू घुसा देंगे...', शिवाय 'जागते रहो, मेरे भरोसे न रहो...' हा डायलॉग देखील हीट ठरला

राजू श्रीवास्तव यांचा 'ऐसा काम करो कि लोग कहें, तुम रहने दो हम कर लेंगे' हा डायलॉग आजही चर्चेत आहे.

अपने ससुर जी की दुलारी हूं मैं, अपने हबी की भी प्यारी हूं मैं, फिलहाल तो ये सब सपना है, क्योंकि अभी तक कुंवारी हूं मैं...

तुम जो सफेद साड़ी पर बिंदी लगाती हो, कसम से एंबुलेंस लगती हो।