राजू श्रीवास्तव यांचे 5 भन्नाट डायलॉग, चाहते आजही विसरू शकले नाहीत

राजू श्रीवास्तव यांचं 21 सप्टेंबर 2022 रोजी हृदयविकाराच्या झटक्यानं निधन झालं. पण आजही त्यांना चाहते विसरु शकलेले नाही. आपल्या विनोदबुद्धीने सर्वांना हसवणारे कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव यांच्या निधनानंतर चाहत्यांना मोठा धक्का बसला. पण त्याचे 'हे' 5 डायलॉग आजही चाहते विसरु शकले नाही...

| Updated on: Sep 22, 2024 | 3:36 PM
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'कहिए  कहां से आना हुआ... चेहरा तो है पहचाना हुआ, अरे वाह रामजी छोरी क्या बनाई... कही रसगुल्ला और कहीं मलाई...'

'कहिए कहां से आना हुआ... चेहरा तो है पहचाना हुआ, अरे वाह रामजी छोरी क्या बनाई... कही रसगुल्ला और कहीं मलाई...'

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'पार्वतों से आज मैं टकरा गया... ये पकड ले आया, मैं आ गया. हम क्राइम के तंम्बू में, यूं बम्बू घुसा देंगे...', शिवाय 'जागते रहो, मेरे भरोसे न रहो...' हा डायलॉग देखील हीट ठरला

'पार्वतों से आज मैं टकरा गया... ये पकड ले आया, मैं आ गया. हम क्राइम के तंम्बू में, यूं बम्बू घुसा देंगे...', शिवाय 'जागते रहो, मेरे भरोसे न रहो...' हा डायलॉग देखील हीट ठरला

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राजू श्रीवास्तव यांचा 'ऐसा काम करो कि लोग कहें, तुम रहने दो हम कर लेंगे'  हा डायलॉग आजही चर्चेत आहे.

राजू श्रीवास्तव यांचा 'ऐसा काम करो कि लोग कहें, तुम रहने दो हम कर लेंगे' हा डायलॉग आजही चर्चेत आहे.

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अपने ससुर जी की दुलारी हूं मैं, अपने हबी की भी प्यारी हूं मैं, फिलहाल तो ये सब सपना है, क्योंकि अभी तक कुंवारी हूं मैं...

अपने ससुर जी की दुलारी हूं मैं, अपने हबी की भी प्यारी हूं मैं, फिलहाल तो ये सब सपना है, क्योंकि अभी तक कुंवारी हूं मैं...

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तुम जो सफेद साड़ी पर बिंदी लगाती हो, कसम से एंबुलेंस लगती हो।

तुम जो सफेद साड़ी पर बिंदी लगाती हो, कसम से एंबुलेंस लगती हो।