Sunny Deol स्टारर ‘बॉर्डर’ सिनेमातील भन्नाट डायलॉग, 28 वर्षांनंतर लोकांच्या आहेत लक्षात

Sunny Deol Film Border Dialogues: अभिनेता सनी देओल दिग्दर्शित 'बॉर्डर 2' सिनेमाचा टीझर प्रदर्शित झाला आहे. पण 'बॉर्डर' सिनेमातील काही डायलॉग आजही चाहत्यांच्या लक्षात आहेत... सिनेमाला 28 वर्ष झाली आहे. पण आजही सिनेमाची चर्चा चाहत्यांमध्ये सुरु असते...

| Updated on: Dec 16, 2025 | 4:12 PM
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हम तो किसी दूसरे की धरती पर नजर भी नहीं डालते, लेकिन इतने नालायक बच्चे भी नहीं हैं कि कोई हमारी धरती मां पर नजर डाले और हम चुपचाप देखते रहें।

हम तो किसी दूसरे की धरती पर नजर भी नहीं डालते, लेकिन इतने नालायक बच्चे भी नहीं हैं कि कोई हमारी धरती मां पर नजर डाले और हम चुपचाप देखते रहें।

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 वो कहते हैं कि नाश्ता जैसलमेर में करेंगे, आज नाश्ता हम उनका करेंगे। गुरु महाराज ने कहा है कि एक खालसा सवा लाख के बराबर है, आज उनकी बात सच करने का समय आ गया है।

वो कहते हैं कि नाश्ता जैसलमेर में करेंगे, आज नाश्ता हम उनका करेंगे। गुरु महाराज ने कहा है कि एक खालसा सवा लाख के बराबर है, आज उनकी बात सच करने का समय आ गया है।

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जितना ज्यादा पसीना शांति के लिए बहाओगे उतना ही कम खून युद्ध में बहाना पड़ेगा। आणि मथुरादास...इससे पहले कि मैं तुझे गद्दार करार देकर गोली मार दूं, भाग जा यहां से।

जितना ज्यादा पसीना शांति के लिए बहाओगे उतना ही कम खून युद्ध में बहाना पड़ेगा। आणि मथुरादास...इससे पहले कि मैं तुझे गद्दार करार देकर गोली मार दूं, भाग जा यहां से।

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ये धरती मेरी मां है और ये कमीना कहता है ये बंजर-उजाड़ है और सिर्फ बिच्छु और कांटे पैदा करती है। मैं आपसे पूछता हूं सर! जब मां बदसूरत होती है तो क्या बच्चे उससे प्यार नहीं करते। क्या उसकी इज्जत नहीं करते।

ये धरती मेरी मां है और ये कमीना कहता है ये बंजर-उजाड़ है और सिर्फ बिच्छु और कांटे पैदा करती है। मैं आपसे पूछता हूं सर! जब मां बदसूरत होती है तो क्या बच्चे उससे प्यार नहीं करते। क्या उसकी इज्जत नहीं करते।

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आज मरने की बात की है, दोबारा मत करना। दुनिया की तारीख शाहिद है कि मरकर किसी ने लड़ाई नहीं जीती। लड़ाई जीती जाती है दुश्मन को खत्म करके।

आज मरने की बात की है, दोबारा मत करना। दुनिया की तारीख शाहिद है कि मरकर किसी ने लड़ाई नहीं जीती। लड़ाई जीती जाती है दुश्मन को खत्म करके।